परीक्षा की तारीख नजदीक आते ही कुछ बच्चो के व्यवहार में अचानक बदलाव देखने को मिलता है | हंसमुख बच्चे जब एक दम शांत हो जाए तो समझ जाए की ये तनाव के कारण हो रहा है | इसके साथ तनाव का ये कारण भी हो सकता है की जब बच्चा बारहवीं के एग्जाम दे रहा होता है तो उसे आगे जाके क्या करना है उसे कॉलेज में एडमिशन मिल मिलेगा या नहीं |एग्जाम स्ट्रेस के कारण बच्चे सिर्फ मानसिक ही नहीं, बल्कि शारीरिक रूप से भी काफी प्रभावित हो जाते हैं और कुछ बच्चों में तो परीक्षा का तनाव इतना अधिक बढ़ जाता है कि वह अपनी पढ़ाई पर भी ध्यान नहीं लगा पाते |अच्छा रिजल्ट लाने के दबाव की वजह से कई बार बच्चे ज्यादा पढाई करने लग जाते है | जिससे उनकी चिंता और बढ़ जाती है| और वो तनाव महसूस करने लगते है |अगर आपको लगता है की आपका बच्चा ज्यादा तनाव में है ,तो आपको किसी प्रोफेशनल एक्सपर्ट की सलाह जरूर लेनी चाहिए |बच्चों को एग्जाम के दौरान स्ट्रेस होने के लक्षण ( Symptoms of Exam Stress in Children ) :-
1 . चिड़चिड़ापन :- तनाव का एक सबसे मुख्य कारण माना जाता है चिड़चिड़ापन |यदि आपका बच्चा छोटी-छोटी बातो पर गुस्सा करने लगता है और तोड़ फोड़ करने लगता है, तो यह एग्जाम स्ट्रेस के कारण हो सकता है। ऐसी स्थिति में आपको उसे मारना या धमकाना नहीं चाहिए बल्कि उसे प्यार से समझाना चाहिए |और उसे रिलैक्स फील कराने के लिए उसके साथ बोर्ड गेम्स खेलनी चाहिए |ताकि उसका ध्यान तनाव से हट सके |
2 .रात के समय नींद न आना :- तनाव का एक और मुख्य लक्षण है “नींद ना आना” बच्चों में एग्जाम स्ट्रेस की वजह से रात को नींद ना आना और सोते समय बेचैनी होना । यदि परीक्षा की तैयारी के दौरान आपके बच्चे को नींद नहीं आती और रात भर जागता रहता है | तो यह भी तनाव का लक्षण हो सकता है |
3 .अचानक से व्यवहार में बदलाव आना :- परीक्षा की तारीख जैसे जेसे नजदीक आती है वैसे वैसे एग्जाम का स्ट्रेस और बढ़ता जाता है और इसी के साथ आपको अपने बच्चे के व्यवहार में बदलाव देखने को मिलेंगे | यह भी एग्जाम स्ट्रेस की वजह से हो सकता है। इसी दौरान यदि आपका बच्चा बिल्कुल शांत रहने लग गया है तो आपको उससे बात करनी होगी ।और उसे समझाना होगा | अगर आपका बच्चा बहुत हंसमुख और बोलने वाला है और अचानक से शांत रहने लग जाए तो समझ जाना कि अब वह तनाव का शिकार हो गया है।
4 . हमेशा पढ़ते रहना :- घर वालो के दबाव में आने के कारण भी कई बच्चो के मन में ये डर होता है की सलेबस पूरा करना और अच्छा रिजल्ट लाने के चक्कर में कई बार बच्चे ज्यादा पढ़ाई करने लगते हैं।और जब वो परीक्षा देने पहुँचते है तो वहां पहुंचकरउनके दिमाग से सब कुछ निकल जाता है जो जो उन्होंने पद रखा होता है |और कुछ बच्चे इसी के वजह से डरे रहते हैं और लगातार पढ़ाई करने लगते हैं। अगर आपका बच्चा पहले पढाई नहीं करता था ,और अचानक से दिन दिन रात पढ़ने लग जाता है ,तो ये भी एक स्ट्रेस का लक्षण हो सकता है |
बच्चों में परीक्षा के कारण तनाव के इन लक्षणों की पहचान रखे और यदि आपको लगता है कि आपका बच्चा बहुत ज्यादा तनाव में है, तो आपको किसी प्रोफेशनल एक्सपर्ट की सलाह जरूर लेनी चाहिए।