सिगरेट से कई गुणा खतरनाक है वेप का इस्तेमाल ,जाने कैसे पहुंचाता है सेहत को नुक्सान
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Vaping Side Affects :-आपकी बात एकदम सही है कि सिगरेट से कई गुणा अधिक खतरनाक है वेप का इस्तेमाल सेहत के लिए । सिगरेट में अनेक तरह के निकोटीन और अन्य कैमिकल होते हैं जो सेहत के लिए बेहद हानिकारक हो सकते हैं। सिगरेट सेवन से लगभग हर जानलेवा बीमारी जुड़ी होती है, जिसमें कैंसर, हृदय रोग, फेफड़ों के रोग और सिरदर्द शामिल हैं।
वेप में पायी जाने वाली निकोटीन की मात्रा भी अधिक होती है, जो सिगरेट से भी अधिक होती है। इससे उत्पन्न होने वाली वायु का सेवन फेफड़ों को अत्यधिक नुकसान पहुंचा सकता है और साथ ही इससे कई समस्याएं जैसे साँस लेने में तकलीफ, साँस की बीमारियां, हृदय रोग, कैंसर आदि हो सकती हैं।
वेप के उपयोग से सामान्यतः फेफड़ों में तकलीफ, सांस लेने में कठिनाई, सिर दर्द, चक्कर आना, नज़ला, घमोरियां, त्वचा के फोड़े, अलर्जिक इतर, बुखार आदि दिखाई देते हैं। इसके अलावा, वेप उपकरण के नियमित उपयोग से लंबे समय तक कैंसर और हृदय रोग जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
इसलिए, सिगरेट से बचने के लिए वेप का इस्तेमाल करना सुरक्षित नहीं हो सकता है। सेहत के लिए बेहतर होता है कि आप न तो सिगरेट और न ही वेप का सेवन करें और धूम्रपान से पूरी तरह से दूर रहें।
निकोटीन का दुष्प्रभाव: वेप में मौजूद निकोटीन, जो तंबाकू के ढेरों में भी पाया जाता है, शरीर के लिए बहुत हानिकारक हो सकता है। निकोटीन से हृदय रोग, फेफड़ों के रोग, उच्च रक्तचाप, कैंसर, डायबिटीज जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ता है।
वेप लिक्विड: वेप लिक्विड में शामिल होने वाले रसायनों के कुछ दुष्प्रभाव होते हैं जैसे कि फोर्मलडिहाइड और एसिटाल्डिहाइड। इन रसायनों के संचय शरीर में कैंसर और अन्य रोगों के विकास का खतरा बढ़ाते हैं।
धूम्रपान के दुष्प्रभाव: वेप पीने के बाद भी वायुमंडल में छूटने वाले धुंआ के अनेक नुकसान होते हैं। यह धुंआ श्वसन पथों को खराब कर सकता है और अस्थमा, सीधे संक्रमण और हार्ट रोग जैसी समस्याओं को बढ़ा सकता है।
डिक्सी ग्रीन सिंड्रोम: वेपिंग से डिक्सी ग्रीन सिंड्रोम होने का खतरा होता है जो अलसर के साथ जुड़ा हुआ है जिससे आपके पेट में दर्द, उलटी या दस्त हो सकते हैं।
फेफड़ो को पहुँचता है नुक्सान :-फेफड़ों को किसी भी तरह का नुकसान फेफड़ों के स्वस्थ फंक्शन को प्रभावित कर सकता है। फेफड़ों का प्रमुख काम ऑक्सीजन को खंभे के अंदर लाना और कार्बन डाइऑक्साइड को निकालना होता है। फेफड़ों को जलाना, सिगरेट पीना, धुआं इंहल करना, वायु प्रदुषण, धूम्रपान और विषाक्त पदार्थों के संचयन का संभव नुकसानकारी हो सकता है। अन्य फेफड़ों से संबंधित समस्याएं जैसे कि एस्थमा, ब्रोंकाइटिस, कैंसर और अन्य श्वसन संबंधी समस्याएं भी फेफड़ों को प्रभावित कर सकती हैं।
कैसे छोड़ें वेप पीने की आदत को :
निर्धारित तिथि का चयन करें पीने के लिए : आप वेप पीने की लत से छुटकारा पाने के लिए एक निर्धारित तिथि का चयन कर सकते हैं। इस तिथि के बाद से आप वेपिंग नहीं करेंगे। इस उपाय को अपनाने से पहले आपको अपनी इच्छा शक्ति को सक्षम रखना होगा।
धीमे धीमे कम करें: आप वेप पीने की लत को धीमे धीमे कम कर सकते हैं। आपको वेपिंग के लिए उस समय का चयन करना चाहिए जब आप अधिकतम आराम और स्थिरता में हों। इस तरह आप वेपिंग को कम करने में सफल होंगे।
अपनी दृष्टि को बदलें: आप वेप पीने की लत से छुटकारा पाने के लिए अपनी दृष्टि को बदल सकते हैं। आप अपने दोस्तों के साथ निर्धारित समय बिताने, सफाई करने, उपयोगी गतिविधियों में शामिल होने जैसे कि योग और मेडिटेशन करने के लिए जा सकते हैं।
समर्थन का अनुरोध करें: वेप पीने की लत से छुटकारा पाने के लिए आप अपने परिवार और दोस्तों से सहायता मांग सकते हैं। वे आपकी सहायता करने के लिए तैयार होंगे और आपकी मदद करेंगे जब आपको वेपिंग की लत आती हो।
निर्धारित उद्देश्य का निर्धारण करें: आप अपने आप को उस लक्ष्य के साथ निर्धारित कर सकते हैं जो आपके लिए अधिक महत्वपूर्ण होता है। यह उद्देश्य आपको वेपिंग से दूर रखने में मदद कर सकता है।