भारत में फ़ैल रहा है खतरनाक इन्फ़्लुएन्ज़ा H3N2 वायरस , 50 लोगो में दिखे एक जैसे लक्षण
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H3N2 वायरस एक वायरस है जो लोगों में संक्रमण का कारण बनता है। यह वायरस स्वाभाविक रूप से पक्षियों में पाया जाता है, लेकिन यह इंसानों में भी संक्रमण का कारण बन सकता है। इस वायरस को आमतौर पर सीजनल फ्लू के रूप में जाना जाता है, जो सर्दियों के मौसम में होने वाले संक्रमणों में से एक होता है।
H3N2 वायरस के लक्षण इन्फ्लुएंजा जैसे होते हैं, जिसमें शामिल होते हैं जुकाम, खांसी, बुखार, शरीर दर्द और सिरदर्द। यह वायरस लम्बे समय तक जीवित रह सकता है और इसलिए इसके संक्रमण के खतरे अधिक होते हैं।
इस वायरस से बचने के लिए, लोगों को हाथ धोने की अच्छी अभ्यास, सामान्य साफ-सफाई के नियमों का पालन करना चाहिए, और फ्लू के लक्षणों से ग्रस्त व्यक्ति से संपर्क से बचना चाहिए। वैक्सीन भी इस संक्रमण से बचाव के लिए उपलब्ध हैं।
H3N2 वायरस फैलने का कारण :-
H3N2 वायरस का प्रसार एक संक्रमण से दूसरे व्यक्ति में वायरस की छोटी बूंदों के फैलने के कारण होता है। इन छोटी बूंदों को शरीर से निकलने वाले बलगम या नाक की बूंदों के माध्यम से या खांसी या छींक में शामिल होने वाली बूंदों के माध्यम से फैलाया जाता है।
इस वायरस का फैलना लोगों के बीच तेजी से होता है, विशेष रूप से घने आबादी वाले क्षेत्रों में या जहां बहुत से लोगों की एक साथ गतिविधियां होती हैं। लोगों के बीच संपर्क, साझा उपयोग की वस्तुएं, या संक्रमित वस्तुओं को छूने या संपर्क में आने के माध्यम से भी वायरस फैलता है।
इसलिए, हमें इस वायरस के फैलने से बचने के लिए सभी सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करना चाहिए और शरीर के संपर्क से बचने के लिए हाथों को समय-समय पर साबुन और पानी से धोना चाहिए।
H3N2 वायरस के लक्षण :-
1. तेज बुखार: H3N2 वायरस संक्रमण में बुखार हो सकता है, जो आमतौर पर 100 डिग्री फ़ेरनहाइट से अधिक होता है।
2. खांसी: संक्रमण के साथ खांसी एक और आम लक्षण होता है, इसमें सूखी या बलगम वाली दोनों हो सकती है।
3. थकान: H3N2 संक्रमण से थकान हो सकती है, जिससे व्यक्ति बहुत थक जाता है और नींद भी अधिक लेता है।
4. श्वसन की समस्याएं: H3N2 संक्रमण के साथ श्वसन समस्याएं भी हो सकती हैं, जैसे कि ठंडे हवाओं से फ्लूइडिटी बढ़ना, सांस लेने में कठिनाई या सांस लेने में तकलीफ।
5. सिरदर्द होना : H3N2 संक्रमण में सिरदर्द हो सकता है, जो एक अधिक उत्तेजित या तनावपूर्ण स्थिति में बढ़ सकता है।
6. पसलियों में दर्द: H3N2 संक्रमण के साथ पसलियों में दर्द भी हो सकता है।
7. गले में दर्द या सूजन: इस संक्रमण से गले में दर्द या सूजन भी हो सकती है।
किन राज्यों में सबसे ज्यादा फ़ैल रहा है ये वायरस :-
1-कर्नाटक
कर्नाटक में एक 82 साल के वृद्ध कि मौत H3N2 से हुई है। बताया जा रहा है कि उन्हें डायबिटीज के साथ-साथ हाइपरटेंशन की समस्या भी थी।
2-हरियाणा
हरियाणा में भी सीजनल फ्लू H3N2 से 54 साल के एक व्यक्ति की मृत्यु हो गई है। बताया जा रहा है कि मरीज फेफड़ों के कैंसर का शिकार था।
3-गुजरात
गुजरात में H3N2 के चार मामले और H1N1 के 82 मामले सामने आ चुके हैं। गुजरात के स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल का कहना है कि राज्य में H1N1 से अभी तक दो मौत हो चुकी है।
वायरस से बचने के लिए क्या करे :-
1. समय समय पर हाथ धोएं : अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से धोएं, विशेष रूप से सांस लेने से पहले और भोजन करने से पहले।
2. संचार से बचें: बार-बार हाथों को चेहरे या आंतरिक इलाकों के साथ छेड़छाड़ न करें। आप लोगों से कम संचार में रहने के लिए संगठित हो सकते हैं।
3. मुंह और नाक को ढक कर रखे : जब आप खासतौर पर अन्य लोगों के पास हों तो अपना मुंह और नाक ढक लें।
4. स्वस्थ रहें: स्वस्थ रहने के लिए व्यायाम करें, सही खान-पान करें, नियमित रूप से नींद लें, और धुम्रपान नहीं करें।
5. वैक्सीनेशन ले : आप वैक्सीनेशन के माध्यम से संक्रमण से बच सकते हैं। अगर आपके शरीर में अभी तक इस वायरस के खिलाफ कोई प्रतिरक्षा नहीं है तो आप टीकाकरण करवा सकते हैं।
6. संभावित संक्रमित स्थानों से दूर रहें: अगर आपके आसपास संभावित संक्रमित स्थान हैं तो आपको वहां नहीं जाना चाहिए |